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रक्षाबन्धन : भाई -बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक इंद्रकुमार विश्वकर्मा  भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार  आज पूरे देश में यह त्यौहार मनाया जा रहा है। यह  त्यौहार  केवल भारतवर्ष में ही  नहीं, अपितु अब विदेशों में भी बड़े  हर्षोल्लास से मनाया जाता है। ।  रक्षाबन्धन एक हिन्दू त्यौहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। आज के इस पवित्र पर्व पर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं व भाई की कलाई पर राखी बाँधने के पश्चात ही अन्न-जल ग्रहण करती हैं।  बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देता है। ऐसा माना जाता है कि राखी के रंगबिरंगे धागे भाई-बहन के प्यार के बन्धन को मज़बूत करते है। भाई बहन एक दूसरे को मिठाई खिलाते है। और सुख दुख में साथ रहने का विश्वास दिलाते हैं। यह एक ऐसा पावन