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बीएसएफ ने पठानकोट में घुसपैठिए को मार गिराया

सीमा सुरक्षाबल की टुकड़ी ने पंजाब के पठानकोट जिले के ढिंडा चौकी के पास एक संदिग्ध को गोली मारकर सीमापार से घुसपैठ के प्रयास को विफल कर दिया। पठानकोट में नियुक्त पुलिस के एक अधिकारी ने आज बताया, “बामियाल इलाके में सीमा पर लगी बाड़ के बेहद करीब आने के बाद घुसपैठिये को कल रात बीएसएफ के जवानों ने मार गिराया ।” गौरतलब है कि स्थानीय लोगों की ओर से पाँच संदिग्ध हथियारबंद लोगों को देखने का दावा किए जाने के पश्चात पंजाब पुलिस, हिमाचल प्रदेश पुलिस और सेना ने पठानकोट इलाके में कल गहन खोज अभियान चलाया। पंजाब और हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में पहाड़ी इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाने के लिए स्वात कमांडो सहित 250 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था। बता दें कि पठानकोट स्थित वायुसेना स्टेशन पर इस वर्ष जनवरी मे बड़ा आतंकवादी हमला हुआ था। इसमें शामिल आतंकवादी सीमापार से आए थे। पिछले वर्ष 27 जुलाई को आतंकियों ने पंजाब के गुरदासपुर जिले के दीनानगर को निशाना बनाया था।

शिक्षक दिवस पर एक शिक्षक लिए रोया पूरा गाँव

-इंद्रकुमार विश्वकर्मा भारत जहाँ आज शिक्षा, विज्ञान व तकनीक में नित-नवीन प्रगति कर रहा है,  वहीं  देश के ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक शिक्षा की बदहाली किसी से छुपी नहीं है। आए दिन शिक्षा और शिक्षक पर सवाल उठते रहते हैं। ऐसे में इस हालात में भी उम्मीद की किरण जगाने वाले कुछ शिक्षक हैं, जिन पर गर्व किया जा सकता है। ऐसी ही कुछ कहानी है, यूपी के शिक्षक अवनीश यादव की, जिनका तबादला हुआ तो स्कूल के बच्चे और पूरा गाँव फूट-फूटकर रोने लगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार अवनीश यादव  उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में गौरीबाजार ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के पद पर  तैनात होकर 2009 में आए थे। जब वे यहाँ आए, उस दौरान यहां शिक्षा के हालात बहुत ही ख़राब थे। गाँव के लोग बच्चों को स्कूल ही नहीं भेजते थे। अवनीश ने हरिजन बस्ती और मजदूर वर्ग में जा-जाकर लोगों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मनाया। बदल दी गांव में शिक्षा की सूरत अवनीश ने घर-घर जाकर लोगों को शिक्षा का महत्त्व समझाया व शिक्षण के प्रति सजग किया और देखते ही देखते गांव के ढेरों बच्चे स्कूल आने लगे। अवनीश ने जी-जान से बच्

हिंदी की उपयोगिता दर्शाती पुस्तक 'हिंदी का विश्व संदर्भ' का लोकार्पण

उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव और मुंबई मनपा चुनाव के मद्देनजर शुक्रवार को भाजपा द्वारा आयोजित ' मुख्यमंत्री का  उत्तर भारतीय समाज के साथ संवाद’ कार्यक्रम के दौरान शैक्षणिक कार्यक्रम के अन्तर्गत  मुंबई विश्व विद्यालय के हिंदी विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक  डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय के १६वें ग्रंथ 'हिंदी का विश्व संदर्भ' का लोकार्पण किया गया।   गौरतलब है कि  उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव और २०१७ में होने वाले मुंबई मनपा चुनाव के मद्देनजर  इस कार्यक्रम का  आयोजन मुंबई भाजपा की ओर से बाम्बे एक्जिबिशन सेन्टर, गोरेगांव, मुंबई में किया गया था । इस कार्यक्रम में 'बाटी-चोखा' का कार्यक्रम भी सम्मिलित किया गया था।  इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तर भारतीयों से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का सीधे संवाद स्थापित करना था। इसी कार्यक्रम के दौरान शैक्षणिक कार्यक्रम के अन्तर्गत मुंबई विश्व विद्यालय के हिंदी विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ .करुणाशंकर उपाध्याय के 16वें ग्रंथ 'हिंदी का विश्व संदर्भ' का लोकार्पण भी किया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस के साथ
रक्षाबन्धन : भाई -बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक इंद्रकुमार विश्वकर्मा  भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार  आज पूरे देश में यह त्यौहार मनाया जा रहा है। यह  त्यौहार  केवल भारतवर्ष में ही  नहीं, अपितु अब विदेशों में भी बड़े  हर्षोल्लास से मनाया जाता है। ।  रक्षाबन्धन एक हिन्दू त्यौहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। आज के इस पवित्र पर्व पर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं व भाई की कलाई पर राखी बाँधने के पश्चात ही अन्न-जल ग्रहण करती हैं।  बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देता है। ऐसा माना जाता है कि राखी के रंगबिरंगे धागे भाई-बहन के प्यार के बन्धन को मज़बूत करते है। भाई बहन एक दूसरे को मिठाई खिलाते है। और सुख दुख में साथ रहने का विश्वास दिलाते हैं। यह एक ऐसा पावन

रेड ब्रिगेड की संस्थापिका ऊषा विश्वकर्मा को मिला सावधान इंडिया सम्मान

देश के 7 सोशल हीरो को नवाजा गया सावधान इंडिया सम्मान से, लखनऊ से चयनित हुई ऊषा विश्वकर्मा लखनऊ की ऊषा विश्वकर्मा को लाइफ ओके चैनल पर प्रसारित सावधान इण्डिया की ओर से ''सावधान इण्डिया'' सम्मान से नवाजा गया है। यह एपिसोड 12 जून को शाम 7:30 बजे प्रसारित किया जायेगा। पूरे देश से 7 सोशल हीरोज में चयनित ऊषा विश्वकर्मा बताती हैं कि उनकी जिंदगी में कई बड़े स्तर के अवार्ड मिले हैं, लेकिन इस सम्मान को वो अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा मानती हैं। जिसके लिए वह सावधान इण्डिया की पूरी टीम के साथ, इसके होस्ट अभिनेता सुशांत सिंह, श्रेयस थल्पड़े और अभिनेत्री दिव्या दत्ता को धन्यवाद देती हैं। मुंबई से लौटकर वापस लखनऊ पहुंची ऊषा बहुत खुश हैं। ऊषा बताती हैं, यह सम्मान लखनऊ के लोगों के व अपने सभी शुभचिंतको के साथ घरवालों को समर्पित करती हैं। उषा विश्वकर्मा ने बताया कि यह सम्मान देश से 7 चयनित लोगों को दिया जा रहा है, जिसमें एक वह खुद भी हैं। इसके अलावा लखनऊ 'स्टॉप ऐसिड  अटैक' संस्था के आलोक दीक्षित सहित देहरादून, बनारस, मुंबई, जयपुर और पंजाब से इस सम्मान के लिए सोशल हीरो को च

यह समय घबराने का नहीं, अपितु सृजन का है-विश्वनाथ प्रसाद तिवारी 

मानव रूप में जीवन बड़े ही सौभाग्य की बात है। आज संपूर्ण विश्व का आधिपत्य मानव के ही हाथ में है। मनुष्य का एक प्रबल पक्ष यह है कि वह अपनी अनुभूतियों को प्रत्यक्ष रूप से प्रकट कर सकता है। इस प्रकटीकरण का एक अत्यंत सशक्त माध्यम है - ‘कविता’। ‘कविता’ को समझने के लिए एक संवेदनशील हृदय होना अति आवश्यक है। आज समाज की व्यवस्था में भारी बदलाव आया है। जाति-व्यवस्था अब भले ही समाप्ति की ओर हो, किंतु एक और ही व्यवस्था का उद्भव हुआ है, वह है - वित्तवादी व्यवस्था; जिसके प्रभाव से शायद ही कोई व्यक्तिविशेष  बच पाया हो। जीवन व जगत की अनुभूतियाँ रचनाकार को रचना - विशेष के लिए प्रेरित करती हैं। ऐसे में उसकी अनुभूतियों का प्रकाशन उसकी रचना-धर्मिता के द्वारा जागतिक धरातल पर अनायास ही हो जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि वह अपनी चिंतनशक्ति के द्वारा मन में उमड़ते हुए अनुभूतिगत भावों को सृजन के रूप में साकार कर देता है। समाज परिवर्तन की सबसे पहली सूचना कविता ही पाठकों को देती है। डाॅ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी एक बहुआयामी साहित्यिक व्यक्तित्व के धनी हैं। वे एक लोकप्रिय कवि, समर्थ आलोचक, गंभीर