दिसंबर 30, 2010 दुनिया बदल गई, या लोग बदल गए, या जीवन जीने के पैमाने ही बदल गए, आज भी याद आता है, वो सुहाना बचपन, हमजोलियों के साथ खेले वे खेल, गुल्ली-डंडा बड़ा था प्यारा, लुका-छिपी लगता था न्यारा, पेड़ों और पढ़ें