दुनिया बदल गई, या लोग बदल गए,
या जीवन जीने के पैमाने ही बदल गए,
आज भी याद आता है, वो सुहाना बचपन,
हमजोलियों के साथ खेले वे खेल,
गुल्ली-डंडा बड़ा था प्यारा, लुका-छिपी लगता था न्यारा,
पेड़ों
या जीवन जीने के पैमाने ही बदल गए,
आज भी याद आता है, वो सुहाना बचपन,
हमजोलियों के साथ खेले वे खेल,
गुल्ली-डंडा बड़ा था प्यारा, लुका-छिपी लगता था न्यारा,
पेड़ों
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