शाम के चार बज रहे हैं. मैं, आदिल और प्रमिला मुंबई युनिवेर्सिटी में बैठे हुए हैं. यहाँ का वातावरण बहुत ही शांत लग रहा है. छुट्टियाँ समाप्त होने को हैं, लेकिन शोध कार्य चल रहा है, इसलिए आना पड़ता है.
मुम्बई: उ.प्र. के प्रतापगढ़ जिले के श्रीपुर गाँव में दबंगों द्वारा बी.ए. की छात्रा ज्योति विश्वकर्मा को ज़िंदा जला दिए जाने की घटना से आक्रोषित विश्वकर्मा समाज ने सोमवार, २६ अक्टूबर २०१५ को आज़ाद मैदान में धरना प्रदर्शन कर दोषियों पर कड़ी कारवाई की मांग करते हुए पीड़ित परिवार को उचित मुआवज़ा देने की मांग की है। सर्व विश्वकर्मा समाज संस्था की ओर से आयोजित इस धरने के संयोजक शिवलाल सुतार ने बताया कि गत 25 सितम्बर को गाँव के कुछ दबंगों ने ज्योति पर मिट्टी का तेल डालकर ज़िंदा जला दिया था, जिसने बाद में इलाहाबाद के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। यदि पुलिस व प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया होता, तो शायद ज्योति की जान बच सकती थी। ऐसी घटनाएँ दुबारा न हो, इसके लिए हम सबको कमर कसनी होगी। इस घटना के विरोध में महाराष्ट्र के कोने-कोने से विश्वकर्मा वंशीय इकट्ठा हुए। मुंबई में भारी संख्या में औरतों ने भी इस प्रदर्शन में इसमें भाग लिया। विश्वकर्मा समाज की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने धरने में शामिल होकर दोषियों को कठोर...
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