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अनभै

कल विद्यालय से छूटकर अमित जी से मिलने नवभारत के कार्यालय पहुँचा।  उनसे मुलाक़ात की। एक लम्बे अरसे के बाद मिले थे।   काफी देर तक बातचीत हुई।  तत्पश्चात हम दोनों घर की तरफ साथ ही निकले। रास्ते में भी काफी बातें हुईं।  पता चला कि उन्होंने ब्लॉग लिखना प्रारंभ कर दिया है।  मैंने  भी पुनः ब्लॉग  लिखने की ठानी। उसी का परिणाम है कि आज इतने दिनों के पश्चात् पुनः लिखने बैठा हूँ। 


'अनभै' के ३३वे अंक में मेरी कविताआधी सूखी रोटी 'प्रकाशित हुई। बड़ी प्रसन्नता हुई। गुरुवर  डॉ. रतनकुमार पाण्डेय जी से कविता लिखने के सन्दर्भ में कई अन्य मार्गदर्शन भी मिले।


कल विद्यालय में सम्पन्न हुई ' वक्तृत्व स्पर्धा ' का समाचार दैनिक नवभारत के आज के अंक  में प्रकाशित हुआ है । समाचार पत्र में अपना नाम देखकर किसे ख़ुशी न होगी। मुझे भी अच्छा लगा।

 जल्द ही अपनी कुछ अन्य कविताओं को  ब्लॉग पर प्रकाशित करूँगा। 


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