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रेड ब्रिगेड की संस्थापिका ऊषा विश्वकर्मा को मिला सावधान इंडिया सम्मान

लखनऊ की ऊषा विश्वकर्मा को लाइफ ओके चैनल पर प्रसारित सावधान इण्डिया की ओर से ''सावधान इण्डिया'' सम्मान से नवाजा गया है। यह एपिसोड 12 जून को शाम 7:30 बजे प्रसारित किया जायेगा।


पूरे देश से 7 सोशल हीरोज में चयनित ऊषा विश्वकर्मा बताती हैं कि उनकी जिंदगी में कई बड़े स्तर के अवार्ड मिले हैं, लेकिन इस सम्मान को वो अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा मानती हैं। जिसके लिए वह सावधान इण्डिया की पूरी टीम के साथ, इसके होस्ट अभिनेता सुशांत सिंह, श्रेयस थल्पड़े और अभिनेत्री दिव्या दत्ता को धन्यवाद देती हैं।
मुंबई से लौटकर वापस लखनऊ पहुंची ऊषा बहुत खुश हैं। ऊषा बताती हैं, यह सम्मान लखनऊ के लोगों के व अपने सभी शुभचिंतको के साथ घरवालों को समर्पित करती हैं।
उषा विश्वकर्मा ने बताया कि यह सम्मान देश से 7 चयनित लोगों को दिया जा रहा है, जिसमें एक वह खुद भी हैं। इसके अलावा लखनऊ 'स्टॉप ऐसिड  अटैक' संस्था के आलोक दीक्षित सहित देहरादून, बनारस, मुंबई, जयपुर और पंजाब से इस सम्मान के लिए सोशल हीरो को चयनित किया गया है।
बता दें कि ऊषा विश्वकर्मा रेड ब्रिगेड संस्था की प्रमुख हैं। इससे पहले ऊषा विश्वकर्मा केबीसी में अमिताभ बच्चन और प्रियंका चोपड़ा के साथ सेट पर नजर आई थी और सवालों का जवाब देकर पुरस्कार भी प्राप्त किया था। इसके अलावा वे कई और सम्मान से नवाजी जा चुकी हैं।
उषा विश्वकर्मा से बातचीत के दौरान उन्होंने आज की  लड़कियों व महिलाओं को सन्देश देना चाहा कि,
आज के प्रतिस्पर्धा के युग में किसी पर निर्भर ना रहें, पढ़ें-लिखें व आत्मनिर्भर बनें। आँख बंद कर किसी पर भी भरोसा ना करें, जिससे आपका नुकसान हो।  अपनी रक्षा स्वयं करें व खुद को अपनी आत्मरक्षा के काबिल बनायें।
* क्या है 'रेड ब्रिगेड'.. ?
'रेड  ब्रिगेड' उषा विश्वकर्मा द्वारा स्थापित एक  गैर सरकारी संस्था है जो लखनऊ , उत्तर प्रदेश में स्थित है । आत्मरक्षा शिक्षा के माध्यम से किशोर लड़कियों महिलाओं को सशक्त बनाना इस संस्था का मुख्य उद्देश्य है।
अठारह साल की उम्र में उषा विश्वकर्मा पर एक सहकर्मी द्वारा यौन उत्पीड़न की विफल कोशिश की गई।लेकिन वे चुप नहीं रहीं, इसके खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई। इसके पश्चात लड़कियों व महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रेरित करना व इसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करना ही उनके जीवन का मुख्य ध्येय बन गया।
2010 में, जब उन्होंने  किशोर लड़कियों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया, तब उषा को पता चला कि उनमें से अधिकांश प्रतिभागियों (५५ में से ५३) पर परिवार के सदस्यों या करीबी रिश्तेदारों द्वारा उन्हीं के घरों में  यौन उत्पीड़न हुआ है। लड़कियां घरों में सुरक्षित हैं, इस कार्यशाला ने इस विश्वास को तोड़ दिया।
इसलिए १५ लड़कियों के एक समूह के साथ उषा ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने का फैसला किया,  जो किसी न किसी तरह के यौन उत्पीड़न की शिकार थीं। इसी क्रम में यौन उत्पीड़न के खिलाफ रेड ब्रिगेड की स्थापना उषा विश्वकर्मा के नेतृत्व में की गई।
प्रारंभ में रेड ब्रिगेड द्वारा  सामूहिक नुक्कड़ नाटक और कार्यशालाओं के माध्यम से महिलाओं से सम्बंधित विभिन्न  मुद्दों के बारे में जागरूकता अभियान शुरू किया गया।  विभिन्न अवसरों पर विरोध व संघर्ष दर्शाने के लिए इन्होने लाल व काले  कपडे पहनना शुरू किया । बाद में, लाल ब्रिगेड के सभी सदस्यों ने आत्मरक्षा की ट्रेनिंग ली।

ट्रेनिंग के पश्चात उन्होंने पाया कि आत्मरक्षा की तकनीक यौन उत्पीड़न से रक्षा करने में अधिक कारगर व विश्वसनीय साबित हो सकती है।  परिणामस्वरूप इस सभी प्रशिक्षित लड़कियों ने 'मिशन १ मिलियन' नाम से अन्य लड़कियों  को आत्मरक्षा प्रशिक्षण देने का बीड़ा उठाया।  अब तक उनकी टीम ने लगभग ३८,००० लड़कियों व महिलाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करने में सफलता पाई है। वे अपने इस प्रयास को अनवरत जारी रखना चाहती हैं।
उनके इस साहसिक कार्य के लिए १ मई, २०१३ को रक्षामंत्री कपिल सिब्बल द्वारा 'बहादुरी पुरस्कार' प्रदान किया गया।
२२ जनवरी, २०१६ को राष्ट्रपति प्रणब  मुखर्जी ने देश की १०० महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया, जिसमें उषा विश्वकर्मा भी एक थीं ।
१ मार्च, २०१६ को महिला दिवस के दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें 'रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।

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