सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

बीएसएफ ने पठानकोट में घुसपैठिए को मार गिराया

सीमा सुरक्षाबल की टुकड़ी ने पंजाब के पठानकोट जिले के ढिंडा चौकी के पास एक संदिग्ध को गोली मारकर सीमापार से घुसपैठ के प्रयास को विफल कर दिया।




पठानकोट में नियुक्त पुलिस के एक अधिकारी ने आज बताया, “बामियाल इलाके में सीमा पर लगी बाड़ के बेहद करीब आने के बाद घुसपैठिये को कल रात बीएसएफ के जवानों ने मार गिराया।”

गौरतलब है कि स्थानीय लोगों की ओर से पाँच संदिग्ध हथियारबंद लोगों को देखने का दावा किए जाने के पश्चात पंजाब पुलिस, हिमाचल प्रदेश पुलिस और सेना ने पठानकोट इलाके में कल गहन खोज अभियान चलाया। पंजाब और हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में पहाड़ी इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाने के लिए स्वात कमांडो सहित 250 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था।
बता दें कि पठानकोट स्थित वायुसेना स्टेशन पर इस वर्ष जनवरी मे बड़ा आतंकवादी हमला हुआ था। इसमें शामिल आतंकवादी सीमापार से आए थे। पिछले वर्ष 27 जुलाई को आतंकियों ने पंजाब के गुरदासपुर जिले के दीनानगर को निशाना बनाया था।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

निर्भया कांड की याद दिला रही है यह घटना..

मानव सभी जीवों में श्रेष्ठ माना जाता है, परंतु उसकी बढ़ती संवेदनहीनता मानवता के लिए अभिशाप बनती जा रही है। उ.प्र. के बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत ज्ञानखेड़ा गांव में हुई गोविंद विश्वकर्मा की हत्या के मामले में वांछित आरोपी की गिरफ्तारी के लिए नेशनल नीड पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द विश्वकर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल ने शनिवार को अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन से मिलकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने के बाद अरविन्द विश्वकर्मा ने बताया कि बीते 20 अगस्त को ज्ञानखेड़ा गांव में गोविन्द विश्वकर्मा की नृशंस हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने गोविन्द की आंख निकाल ली, गुप्तांग काट दिया। यह हत्या निर्भया काण्ड की याद दिला रही है जो कानून व्यवस्था पर करारा तमाचा है। उन्होंने बताया कि चार हत्यारों में तीन की गिरफ्तारी तो हो गई परन्तु एक नामजद जो पेशेवर अपराधी है की गिरफ्तारी में स्थानीय पुलिस हीलाहवाली कर रही है। यही कारण है कि वांछित की गिरफ्तारी के लिये अपर पुलिस महानिदेशक को ज्ञापन सौंपना पड़ा।  अरविंद विश्वकर्मा ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ से ...

अधूरा सच (कविता)

रक्षाबन्धन : भाई -बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक इंद्रकुमार विश्वकर्मा  भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार  आज पूरे देश में यह त्यौहार मनाया जा रहा है। यह  त्यौहार  केवल भारतवर्ष में ही  नहीं, अपितु अब विदेशों में भी बड़े  हर्षोल्लास से मनाया जाता है। ।  रक्षाबन्धन एक हिन्दू त्यौहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। आज के इस पवित्र पर्व पर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं व भाई की कलाई पर राखी बाँधने के पश्चात ही अन्न-जल ग्रहण करती हैं।  बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देता है। ऐसा माना जाता है कि राखी के रंगबिरंगे धागे भाई-बहन के प्यार के बन्धन को मज़बूत करते है। भाई बहन एक दूसरे को मिठाई खिलाते है। और सुख दुख में सा...