सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए अनाउंसमेंट की मुहिम

#कोरोना  के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए मुंबई में अनाउंसमेंट कर बाहर निकलनेवालों से घर में रहने की अपील..  मुंबई पुलिस व बीएमसी के सौजन्य से चलाई गई विशेष मुहिम..
#लॉकडाउन के बावजूद भारी संख्या में घरों से बाहर निकलनेवालों को कोरोना के ख़तरे से कराया गया अवगत..
#Coronavirus #CoronaOutbreak #Covid19 #AamchiMumbai #CoronaFreeMumbai #MumbaiPolice #BMC #FightAgainstCorona

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

निर्भया कांड की याद दिला रही है यह घटना..

मानव सभी जीवों में श्रेष्ठ माना जाता है, परंतु उसकी बढ़ती संवेदनहीनता मानवता के लिए अभिशाप बनती जा रही है। उ.प्र. के बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत ज्ञानखेड़ा गांव में हुई गोविंद विश्वकर्मा की हत्या के मामले में वांछित आरोपी की गिरफ्तारी के लिए नेशनल नीड पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द विश्वकर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल ने शनिवार को अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन से मिलकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने के बाद अरविन्द विश्वकर्मा ने बताया कि बीते 20 अगस्त को ज्ञानखेड़ा गांव में गोविन्द विश्वकर्मा की नृशंस हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने गोविन्द की आंख निकाल ली, गुप्तांग काट दिया। यह हत्या निर्भया काण्ड की याद दिला रही है जो कानून व्यवस्था पर करारा तमाचा है। उन्होंने बताया कि चार हत्यारों में तीन की गिरफ्तारी तो हो गई परन्तु एक नामजद जो पेशेवर अपराधी है की गिरफ्तारी में स्थानीय पुलिस हीलाहवाली कर रही है। यही कारण है कि वांछित की गिरफ्तारी के लिये अपर पुलिस महानिदेशक को ज्ञापन सौंपना पड़ा।  अरविंद विश्वकर्मा ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ से ...

अधूरा सच (कविता)

छात्रा को जिन्दा जलाने पर विश्वकर्मा समाज में आक्रोश, आज़ाद मैदान में दिया धरना

मुम्बई:  उ.प्र. के प्रतापगढ़ जिले के श्रीपुर गाँव में दबंगों द्वारा बी.ए. की  छात्रा ज्योति विश्वकर्मा को ज़िंदा जला दिए जाने की घटना से आक्रोषित विश्वकर्मा समाज ने सोमवार, २६ अक्टूबर २०१५ को आज़ाद मैदान में धरना प्रदर्शन कर दोषियों पर कड़ी कारवाई की मांग करते हुए पीड़ित परिवार को उचित मुआवज़ा देने की मांग की है। सर्व विश्वकर्मा समाज संस्था की ओर से आयोजित इस धरने के संयोजक शिवलाल सुतार ने बताया कि गत 25 सितम्बर को गाँव के कुछ दबंगों ने ज्योति पर मिट्टी का तेल डालकर ज़िंदा जला दिया था, जिसने बाद में इलाहाबाद के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। यदि पुलिस व प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया होता, तो शायद ज्योति की जान बच सकती थी।  ऐसी घटनाएँ दुबारा न हो, इसके लिए हम सबको कमर कसनी होगी। इस घटना के विरोध में महाराष्ट्र के कोने-कोने से विश्वकर्मा वंशीय इकट्ठा हुए।  मुंबई में  भारी  संख्या में औरतों ने भी इस प्रदर्शन में  इसमें भाग लिया।  विश्वकर्मा समाज की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने धरने में शामिल होकर दोषियों को कठोर...